अमरनाथ यात्रा 2025: कैसे फेस रिकग्निशन सिस्टम से रोके जाएंगे आतंकी हमले?
अमरनाथ यात्रा 2025: पहलगाम रूट पर फेस रिकग्निशन सिस्टम से होगी यात्रियों की सुरक्षा पक्की
अमरनाथ यात्रा देशभर के करोड़ों श्रद्धालुओं की आस्था का प्रतीक है। हर साल हजारों की संख्या में श्रद्धालु भगवान शिव के दर्शन के लिए जम्मू-कश्मीर के कठिन पर्वतीय रास्तों से गुजरते हैं। लेकिन इस यात्रा को लेकर सुरक्षा हमेशा एक बड़ी चुनौती रही है। इस बार सुरक्षा व्यवस्था को और सशक्त बनाने के लिए एक महत्वपूर्ण तकनीकी पहल की गई है। पहलगाम रूट पर फेस रिकग्निशन सिस्टम लगाया गया है, जो यात्रा मार्ग पर संदिग्ध चेहरों की पहचान करके सुरक्षा बलों को तुरंत अलर्ट करेगा।
फेस रिकग्निशन सिस्टम को इस तरह तैयार किया गया है कि जैसे ही कोई संदिग्ध व्यक्ति कैमरे में नजर आता है, तुरंत अलर्ट संबंधित सुरक्षा एजेंसियों को भेजा जाता है। इस सिस्टम से आतंकवादियों की घुसपैठ रोकने और किसी भी संभावित खतरे को पहले ही भांप लेने में मदद मिलेगी। इससे यात्रियों को न केवल मानसिक शांति मिलेगी बल्कि यात्रा और अधिक सुरक्षित हो जाएगी।
इस तकनीक के तहत हाई-रिजॉल्यूशन कैमरे पहलगाम रूट पर प्रमुख स्थानों, चेक पोस्ट और बेस कैंप पर लगाए गए हैं। कैमरे से प्राप्त डेटा को रियल टाइम में कंट्रोल रूम में मॉनिटर किया जाता है। संदिग्ध चेहरों की पहचान के लिए डेटा को आतंकी गतिविधियों से जुड़े डेटाबेस से मिलाया जाता है। इससे कोई भी संदिग्ध व्यक्ति यात्रा मार्ग पर आते ही पकड़ में आ सकता है।
अधिकारियों का मानना है कि यह पहल अमरनाथ यात्रा के इतिहास में सुरक्षा के लिहाज से मील का पत्थर साबित होगी। इससे सुरक्षा बलों का भरोसा भी बढ़ेगा और किसी भी खतरे से निपटने में समय की बचत होगी। इसके अलावा, यात्रियों से यह अपील की जा रही है कि वे पहचान पत्र और यात्रा पास हमेशा साथ रखें ताकि जांच में कोई दिक्कत न हो।
आने वाले वर्षों में इस तकनीक को अन्य यात्रा मार्गों पर भी लागू करने की योजना है। इससे अमरनाथ यात्रा को सुरक्षित और सुविधाजनक बनाकर श्रद्धालुओं का विश्वास और मजबूत किया जा सकेगा।