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स्वास्थ्य पर खतरा: 51 कंपनियों के खाद्य पदार्थ अनसेफ और सबस्टैंडर्ड घोषित

खाद्य सुरक्षा में गंभीर चूक: 51 फर्मों के खाद्य पदार्थ पाए गए असुरक्षित और सबस्टैंडर्ड
कीवर्ड्स: खाद्य सुरक्षा विभाग, असुरक्षित खाद्य पदार्थ, सबस्टैंडर्ड उत्पाद, खाद्य जांच, उपभोक्ता स्वास्थ्य, मिलावटखोरी


खाद्य सुरक्षा विभाग की हालिया जांच में एक बड़ा खुलासा हुआ है, जिसने उपभोक्ताओं की सेहत को लेकर चिंता बढ़ा दी है। विभाग द्वारा अलग-अलग जिलों से लिए गए खाद्य पदार्थों के नमूनों की जांच में 51 फर्मों के उत्पाद असुरक्षित (अनसेफ) और मानकों से नीचे (सबस्टैंडर्ड) पाए गए हैं। यह नतीजा दर्शाता है कि बाजार में मिल रहे कई उत्पाद गुणवत्ता और स्वास्थ्य के मानकों पर खरे नहीं उतर रहे हैं।


इस जांच में तेल, मसाले, दूध, मिठाइयाँ, पैकेज्ड फूड और अन्य खाद्य सामग्री के सैंपल लिए गए थे। इनमें से कई नमूनों में मिलावट, घटिया गुणवत्ता, एक्सपायर्ड सामग्री और गलत लेबलिंग पाई गई। कुछ नमूनों में हानिकारक रसायनों की मौजूदगी भी दर्ज की गई, जो सीधे तौर पर उपभोक्ताओं की सेहत पर असर डाल सकते हैं।


खाद्य सुरक्षा विभाग के अधिकारियों के अनुसार, यह अभियान उपभोक्ताओं को सुरक्षित और गुणवत्तायुक्त खाद्य सामग्री उपलब्ध कराने के उद्देश्य से चलाया गया था। जांच के दौरान जो फर्में दोषी पाई गईं हैं, उनके खिलाफ कानून के तहत कार्रवाई की जाएगी। इनमें कुछ नामचीन ब्रांड्स और स्थानीय स्तर पर लोकप्रिय कंपनियां भी शामिल हैं, जिससे साफ होता है कि सिर्फ छोटे उत्पादक ही नहीं, बड़े ब्रांड भी इस लापरवाही में शामिल हैं।


खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत ऐसी फर्मों को नोटिस भेजे जा रहे हैं और कुछ के खिलाफ मुकदमा भी दर्ज किया गया है। इसके अलावा उपभोक्ताओं को सलाह दी गई है कि वे खरीदारी करते समय खाद्य सामग्री के लेबल, एक्सपायरी डेट और ब्रांड की प्रमाणिकता की अच्छे से जांच करें।


यह घटना हमें यह सोचने पर मजबूर करती है कि हमारे रोजमर्रा के खाने-पीने के सामान कितने सुरक्षित हैं। उपभोक्ताओं को भी सजग रहने की ज़रूरत है और किसी भी संदिग्ध खाद्य सामग्री की सूचना तुरंत संबंधित विभाग को देनी चाहिए।


खाद्य सुरक्षा विभाग ने यह भी संकेत दिया है कि आने वाले समय में ऐसे अभियान और तेज़ किए जाएंगे ताकि बाजार से मिलावटी और खराब गुणवत्ता वाले उत्पादों को हटाया जा सके और जनता को स्वस्थ जीवन की ओर अग्रसर किया जा सके।