पुरी हादसे के बाद गरमाई राजनीति: विपक्ष के CM हाउस घेराव से पहले ACP की चेतावनी ने मचाया हंगामा
पुरी की ऐतिहासिक रथयात्रा के दौरान हुए हादसे ने ओडिशा की राजनीति को गर्मा दिया है। इस हादसे में कुछ लोगों को गंभीर चोटें आईं, जिससे विपक्षी पार्टियों ने राज्य सरकार को घेरने की योजना बनाई। इसके चलते वे मुख्यमंत्री आवास (CM हाउस) की ओर मार्च करने वाले थे।
इसी बीच भुवनेश्वर के एसीपी (सहायक पुलिस आयुक्त) का एक बयान सामने आया, जिसने विवाद को और हवा दे दी। उन्होंने कहा, "अगर कोई बैरिकेडिंग तक भी आता है, तो उसकी टांग तोड़ देना।" यह बयान तेजी से वायरल हुआ और सोशल मीडिया से लेकर राजनीतिक गलियारों तक चर्चा का विषय बन गया।
विपक्षी दलों का कहना है कि यह बयान पुलिसिया दमन और लोकतंत्र का गला घोंटने जैसा है। उन्होंने एसीपी को तुरंत सस्पेंड करने की मांग की है। कांग्रेस, भाजपा और अन्य विपक्षी दलों ने इसे राज्य सरकार की असहिष्णुता का उदाहरण बताया है।
वहीं, पुलिस विभाग का कहना है कि यह बयान कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए था, और इसे गलत संदर्भ में पेश किया गया है। मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से इस पर अब तक कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन स्थिति को देखते हुए सुरक्षा व्यवस्था और कड़ी कर दी गई है।
पुरी रथयात्रा हमेशा से ही धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व की रही है, लेकिन इस बार प्रशासन की तैयारी और हादसे के बाद का रवैया सवालों के घेरे में है। अब देखना यह है कि एसीपी के इस बयान पर कोई कार्रवाई होती है या नहीं, और क्या यह राजनीतिक हलचल को और बढ़ाएगा।